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स्वाद की गुलामी-बेनाम कोहड़ा बाज़ारी

बेनाम कोहड़ाबाज़ारी उवाच
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी उवाच
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पिए बिना चला नहीं जाता, चिकन बिना रहा नहीं जाता,
जश्न-ए-गुलामी का ये आलम है, तो आजादी का क्या होगा।

बेनाम कोहड़ा बाज़ारी
उर्फ़
अजय अमिताभ सुमन

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