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दर्द-ए-दास्तान-बेनाम कोहड़ा बाज़ारी

बेनाम कोहड़ाबाज़ारी उवाच
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी उवाच
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“बेनाम” खुद की  बेहतरी का , दास्ताँ करे यूँ बयाँ,
कि पहले  कम था जो , दर्द थोड़ा बढ़ गया।

बेनाम कोहड़ा बाज़ारी
उर्फ़
अजय अमिताभ सुमन

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