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पत्नी-बेनाम कोहड़ा बाज़ारी

बेनाम कोहड़ाबाज़ारी उवाच
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी उवाच
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बिन गाया गीत था “बेनाम”  लिखा गजलो की तरह,
चूमना था जिस फूल को , रखा फसलो की तरह।

अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ा बाज़ारी

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