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प्रभु डगर-बेनाम कोहड़ाबाज़ारी

बेनाम कोहड़ाबाज़ारी उवाच
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी उवाच
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कितना सरल है सच
कितना कठिन है सच कहना
कितना सरल है प्रेम
कितना कठिन है प्यार करना
कितना कठिन है दुश्मन
कितना सरल है दुश्मनी करना
कितना कठिन है नफरत
कितना सरल है नफरत करना
कितना सरल है राह प्रभु की
कितना कठिन है प्रभु डगर पे चलना

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