बेनाम कोहड़ाबाज़ारी उवाच
- 175 Posts
- 2 Comments
धर्मं की तलाश में
युयुत्शु की तरह अपना पक्ष बदला
इधर से उधर तक
तलाशा धरती के इस कोने से उस कोने तक
पर यही जाना
कि केन्द्र से परिधिगत दुरी हमेशा एक सामान रहती है
यानि कि तलाश जो कि
शुन्य से शुरु हुई थी
वो शुन्य के गिर्द और
शुन्य तक ही रही
और पहचाना कि दुनिया गोल है.
अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी
Read Comments