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काना-बेनाम कोहड़ाबाज़ारी

बेनाम कोहड़ाबाज़ारी उवाच
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी उवाच
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ये जो नगीना है ,

बड़ा सयाना है
देखो कि बांधे सर पे
केसरी बाना है
चलता है ऐसे जैसे
कोई वीर राणा है
सच में नगीना सिंह
बड़ा मरदाना है.

छोटा भी दुनिया में
बड़ा भी दुनिया में
ऊँच नीच जात पात
छुआ छुत दुनिया में .

पर एक आँख से देखे सबकुछ
एक समान हीं माने सबकुछ
ऐसा मस्ताना है
भले हीं एक आंख का काना है
पर आना है बाना है
नगीना सिंह सच में
बड़ा वीर मरदाना है.

अजय अमिताभ सुमन
उर्फ
बेनाम कोहड़ाबाज़ारी

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